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  • किसान फिलहाल कपास बेचने से घबरा रहे हैं। इससे बाजार में आवक का दबाव बढ़ गया
  • वर्तमान आवक पहले से लगभग 6 % अधिक है और मई के महीने में भाव में 1,500 रु/क्विंटल की गिरावट आयी है
  • घटते भाव से जब किसान संकट में हैं तो उद्योगपति किसानों से कपास बेचने की अपील कर रहे हैं

  • मंडी में आज 8000 बोरी की आवक हुई, सौराष्ट्र डिलीवरी स्पॉट बिल्टी भाव 3,800~4,200 रु/क्विंटल पर बाजार स्थिर है
  • महाराष्ट्र की दादर ज्वार 200 रु बढ़कर सौराष्ट्र डिलीवरी 4,400~4,500 रु/क्विंटल के भाव पर व्यापार हुआ है
  • इस बार दादर ज्वार का उत्पादन कम और मांग ज्यादा है, जिससे बाजार 500 रु/क्विंटल से तेजी की संभावना है

  • बाजार में अभी डिमांड कम है, दिल्ली और कोलकाता लाइन के मिलर्स की लेवाली चल रही है
  • नागौर मंडी में 500 बोरी की आवक रोजाना हो रही है और मंडी में लेवाली कम है
  • मंडी में भाव 7600 रु/क्विंटल चल रहे है
  • जानकारी के अनुसार चुनावी साल में सरकार मुंग दाल आयत करने की संभावना है, सरकार समर्थन मूल्य पर खिरीदी तुलाई वाला माल निकलने वाली है
  • इन सभी परिस्तितियों को देखते हुए आगे बाजार में 500 रु/क्विंटल की गिरावट देखि जा सकती है

  • उत्पादन और खपत के बीच के अंतर को कम करने के लिए सरकार किसानों को तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
  • इन प्रयासों के कुछ परिणाम भी निकले हैं और पिछले कुछ वर्षों में तिलहन के उत्पादन में सुधार हुआ है। भारत में 2022~23 में 143.7 लाख टन वनस्पति तेल का आयात होने का अनुमान है, जबकि 2021~22 में यह 140.7 लाख टन था।
  • यह 2016~17 में आयात किए गए 153.2 लाख टन से थोड़ा बेहतर है।
  • सोयाबीन और सरसों प्रमुख फसलें हैं, जो क्रमशः 35% और 32% हैं।